क्यों मनाते है मानते हैं 26 जनवरी? –भारतीय गणतंत्र का गौरवशाली पर्व ,जो हर हिंदुस्तानियों को याद दिलाती रहती है उन वीरों की यादें

क्यों मनाते है मानते हैं 26 जनवरी,भारत की एक ऐतिहासिक स्वर्णिम दिन है यह एक केवल तिथि नहीं बल्कि हमारे राष्ट्र की पहचान स्वतंत्र और स्वाभिमान का प्रतीक है इस दिन 1950 में भारत ने संविधान को अपनाया और एक गाना तांत्रिक राष्ट्र के रूप में दुनिया के सामने लाया जो आज इसी पर यह भारत चल रही है और सभी को मूल रूप से अपना अधिकार और अपनी जीवन जी रहे हैं ।

जो की संविधान का सबसे बड़ा मूल रूप है हमारे भारत के लिए और इस इस तरीके से लिखी गई है जो कि ना किसी को बड़ा ना किसी को छोटा दिखाया जाए बल्कि सबको एक समान लेकर चलता है या संविधान चाहे वह अमीर हो या गरीब हो लेकिन कुछ अपवाद है तो उन्हें हम नहीं कर सकते हैं हर किसी से गलती होती है खैर यह भी तो इंसानी थे।

26 January republic Day
तिरंगा हमारी शान है और भारत की सम्मान है । जय भारत

भारत के कुछ ऐतिहासिक जड़े ।
26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव किया था यह वह दिन था जब भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में पहले वर्ष स्वतंत्र को एक स्पष्ट लक्ष्य के रूप में स्वीकार किया गया इसलिए जब संविधान सभा ने 26 जनवरी 1949 को भारतीय संविधान को अपनाया तो इसे 26 जनवरी 1950 को लागू करने का निर्णय लिया गया जो कि कांग्रेस के पहले नेता पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री बने थे 1951 में

गणतंत्र दिवस की महत्व और समान की यादें।

1. संविधान स्थापना: भारत के संविधान लागू हुआ देश के एक सशक्त और लोकतांत्रिक ढांचा प्रदान करता था यह हम मौलिक अधिकार और समानता एक रूप से यह संविधान हमें जोड़ती है और स्वतंत्र बनती है यही स्वतंत्रता की गारंटी है।

2. राष्ट्रीय एकता: यह भारत का एक वैसा दिन है जो हर भारतीय एक झंडा लेकर अपना एकता के साथ अपना परिचय देता है कि हम एक भारत की नागरिक हैं जो कि यह दिल से लोग देते हैं ना कि किसी के बल या दबाव से कि हम भारतीय हैं एक भारत के नागरिक।

3. वीरों का सम्मान: यह दिन हम उन वीरों को याद करते हैं जो शहीद हो चुके हैं सैन्य शक्ति संस्कृति धरोहर और शाहिद की वीरता का प्रदर्शन करते हुए हम यह उनकी धरोहर और उन्हें दिल से याद करते हैं कि वह हमारे लिए बहुत कुछ करके गए हैं तभी हम इतनी अच्छे से यह जिंदगी जी रहे हैं।
शत-शत नमन है उन वीरों की जो हमारे देश को आजाद दिलाए

26 january
26 जनवरी गणतंत्र दिवस

गणतंत्र दिवस की पहली होस्टिंग फ्लैग।
गणतंत्र दिवस के मुख्य समारोह का आयोजन नई दिल्ली के राजपथ पर किया जाता है इसे राष्ट्रपति झंडा फहराते हैं और परेड में भारत की सैन्य शक्ति राज्य की जॉब क्यों और संस्कृति प्रस्तुत किया देखी जाती है स्कूलों और कॉलेज में इसके बाद होता है जो कि राष्ट्रपति हमारे देश के पहले नागरिक हैं इसलिए सबसे पहले वह झंडा होस्टिंग करते हैं न्यू दिल्ली में लाल किला में ।

गणतंत्र दिवस पर शायरियां
“तिरंगा लहराएगा , हर दिल में बस जाएगा , गणतंत्र दिवस का यह पर्व , हर भारतवासी मनाएगा।” जय हिंद, जय भारत

गणतंत्र दिवस की महत्वपूर्ण कुछ उदाहरण।

1. संविधान का केवल दस्तावेज नहीं यह हर नागरिक के लिए एक बल्ब पूर्वक्ता आवाज है जो की कहीं भी और कुछ भी अपनी आजादी से कर सकता है

2. भारत को बलपूर्वक महान बनाने के लिए हमें गणतंत्र के हर मूल सिद्धांत को आत्म साथ करना होगा तभी हम एक भारतीय कवि टूट नहीं सकते।

3. “आजादी मिली है उसे बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है और यह हर हिंदुस्तानी भारतीय नागरिक की यह कहानी नहीं है यह आजादी है। आगे ये भी पढ़े

निष्कर्ष
26 जनवरी केवल एक उत्साह नहीं बल्कि हमारे अधिकारों और कर्तव्यों की याद दिलाती रहती है कि इस दिन या हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश के लिए समर्पित हमेशा और और अपनी सम्मान के लिए अपनी जान तक के निछावर कर देंगे इस पावन धरती ने हमें बहुत कुछ दिया “गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामना।”

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