image credit:google/ai
सोना 500 रुपये प्रति 10 ग्राम, चांदी 97,000 रुपये प्रति चावल प्रति ग्राम
खिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार खुदरा विक्रेताओं और आभूषण विक्रेताओं की लगातार खरीदारी से देश की राजधानी में गुरुवार को सोने का भाव 500 रुपये बढ़कर 80,900 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया । आगे ये भी पढ़े…
पिछले सीज़न में 99.9 प्रतिशत माइक्रोस्कोप वाली यह फ़्लोरिडा मेटल 80,400 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुई थी। पिछले तीन सत्रों में आर्किटेक्चर मेटल की कीमत लगभग 2,000 रुपये बढ़ी है।
चांदी गुरुवार को 700 रुपये की तेजी के साथ 97,000 रुपये प्रति इंच तक पहुंच गई। पिछले फेस्टिवल सत्र में सिल्वर 96,300 रुपये प्रति यात्री बंद हुआ था। 99.5 प्रतिशत पिक्सेल वाले सोने का भाव भी 500 रुपये प्रति बैरल 80,500 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। रविवार को यह 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम बंद हो गया।
व्यापारियों के अनुसार, आभूषण विक्रेताओं की लगातार खरीदारी और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मजबूती के रुख के कारण सोने की कीमतों में तेजी आई। इस बीच, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर वायदा कारोबार में फरवरी डिलीवरी सोना अनुबंध 114 रुपये या 0.14 प्रतिशत की गिरावट के साथ 78,888 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी के उपाध्यक्ष शोध विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, “सोने में उतार-चढ़ाव भरे दायरे में कारोबार हुआ और उच्च स्तर पर मामूली मुनाफावसूली देखी गई। कॉमेक्स पर कीमतों को 2,720-2,725 डॉलर के आसपास प्रतिरोध का सामना करना पड़ा, जबकि एमसीएक्स पर 79,000 रुपये के आसपास अवरोध का सामना करना पड़ा।”
हालांकि, मार्च डिलीवरी वाले चांदी अनुबंध की कीमत 420 रुपये या 0.44 प्रतिशत बढ़कर 96,222 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। वैश्विक स्तर पर कॉमेक्स सोना वायदा 9.70 डॉलर प्रति औंस या 0.35 प्रतिशत गिरकर 2,747 डॉलर प्रति औंस पर आ गया।
बढ़ाने का कारण है।:
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के कमोडिटी रिसर्च विश्लेषक मानव मोदी ने कहा, “मुद्रास्फीति के आंकड़े मिश्रित आने के बाद बुधवार के सत्र में सोना 2,700 डॉलर के स्तर को पार कर गया। हालांकि, बाजार सहभागियों ने दिसंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में एक और कटौती को अधिक तवज्जो नहीं दी, जिससे सर्राफा को समर्थन मिला।”
भू-राजनीतिक तनाव के कारण भी संकट बढ़ रहा है, विशेष रूप से मध्य पूर्व में, जिसमें अब सीरिया भी शामिल हो गया है। चीन के केंद्रीय बैंक की की ओर से एक बार फिर अपना स्वर्ण भंडार बढ़ाने से भी सुरक्षित निवेश की धारणा को बल मिला है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के कमोडिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक सौमिल गांधी ने कहा, “व्यापारी अब उत्पादक मूल्य सूचकांक (पीपीआई) और साप्ताहिक बेरोजगारी दावों सहित अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
गांधी ने कहा कि इसके अलावा अमेरिकी फेड और यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ईसीबी) की मौद्रिक नीति, प्रेस ब्रीफिंग से भी सर्राफा कीमतों पर असर पड़ने की उम्मीद है। जानकारों के अनुसार अगले सप्ताह होने वाली बहुप्रतीक्षित फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की मौद्रिक नीति बैठक पर बाजार की नजर बनी रहेगी।